पूर्व विदेश सचिव ने दावा किया है कि ऑपरेशन सिंदूर से चीन और पाकिस्तान के बीच घनिष्ठ संबंध होने का संकेत मिला

  प्रेस रिलीज़ के अनुसार, कार्यक्रम की चर्चाएँ रणनीतिक और तकनीकी मुद्दों के इर्द-गिर्द केंद्रित थीं। इनमें चीन-पाकिस्तान के साथ    भारत के संबंध, युद्ध का बदलता चेहरा, कूटनीति और रक्षा में टेक्नोलॉजी की भूमिका, तथा ड्रोन और साइबर उपकरणों का       बढ़ता इस्तेमाल प्रमुख थे।

पुणे इंटरनेशनल सेंटर के संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े एक अत्यंत गंभीर बयान दिया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन ने चीन और पाकिस्तान के बीच एक अज्ञात और गहरी रणनीतिक साझेदारी को उजागर किया है।

श्रृंगला ने ज़ोर देकर कहा कि चीन की यह भागीदारी अब सामान्य आपूर्ति से कहीं आगे निकलकर, खुफिया और कूटनीतिक दोनों तरह के सहयोग में बदल चुकी है। यह रिश्ता अब एक ‘सदाबहार’ गठबंधन बन गया है, जिसका स्पष्ट उद्देश्य भारत के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देना है।

यह महत्वपूर्ण चर्चा, जो भारत की विदेश नीति पर केंद्रित थी, का संचालन चीन में भारत के पूर्व राजदूत गौतम बंबावाले ने किया।

पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारतीय विदेश नीति पर अपनी राय रखते हुए कहा कि यह यथार्थवाद और आदर्शवाद के बीच एक बेहतरीन संतुलन दर्शाती है। उनके अनुसार, हमारी नीति विकास की ज़रूरतों, रणनीतिक स्वतंत्रता (आज़ादी), और सबको साथ लेकर चलने वाले दृष्टिकोण (समावेशी नज़रिए) को एक साथ साधकर चलती है।

पुणे इंटरनेशनल सेंटर (पीआईसी) की ओर से जारी विज्ञप्ति बताती है कि कार्यक्रम में कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। इनमें मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते, युद्ध का बदलता स्वरूप, और रक्षा एवं कूटनीति में टेक्नोलॉजी, ड्रोन तथा साइबर उपकरणों की बढ़ती भूमिका शामिल थे।

चीन के हथियारों का इस्तेमाल और ‘ऑपरेशन सिंदूर’

कार्यक्रम के दौरान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान द्वारा चीनी हथियारों के उपयोग से जुड़े सवाल पूछे गए। इस पर श्रृंगला ने साफ़ संकेत दिया कि यह संघर्ष चीन-पाकिस्तान की गहरी रणनीतिक साझेदारी को दिखाता है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत ने इस साल मई में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चलाया था। यह 20 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का करारा जवाब था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। 6-7 मई की रात को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों (जैसे बहावलपुर, मुरीदके, मुज़फ़्फ़राबाद) पर प्रिसीजन मिसाइलें दागीं। इस कार्रवाई में 100 से ज़्यादा आतंकियों को मार गिराया गया। पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया, लेकिन भारत ने तुरंत उसके 11 एयरबेस और रडार को नष्ट कर दिया।

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