जीत के बाद भी विवाद! क्या ICC कप जीतने के बावजूद हर्मनप्रीत कौर को छोड़नी पड़ेगी कप्तानी, जैसा रोहित शर्मा के साथ हुआ था?

यह एक ऐतिहासिक पल था! हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला क्रिकेट ने वो मुकाम हासिल किया, जो आज तक नहीं हुआ था—टीम पहली बार विश्व चैंपियन बनी। देश ने आईसीसी ट्रॉफी का सूखा खत्म होने का ज़ोरदार जश्न मनाया। लेकिन, इस शानदार जीत के बीच, एक अजीब मोड़ आ गया है। टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने अचानक कप्तानी में बदलाव की मांग उठाकर सबको हैरान कर दिया है।

भारतीय महिला क्रिकेट ने हरमनप्रीत कौर की अगुवाई में नया इतिहास रच दिया है! टीम ने उस कामयाबी के शिखर को छुआ, जो अतीत में हमेशा पहुँच से बाहर रहा था। यह पहला मौका है जब हमारी महिला टीम विश्व चैंपियन बनी है, और आईसीसी ट्रॉफी का सूखा ख़त्म हुआ है। हालाँकि, इस ज़ोरदार जश्न के माहौल में ही एक अटपटी मांग उठ गई है। टीम की पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने सबको हैरान करते हुए सलाह दी है कि अब हरमनप्रीत को हटाकर स्मृति मंधाना को कप्तान बना देना चाहिए।

अगर हरमनप्रीत कौर के साथ कप्तानी बदलाव होता है, तो उनका हश्र भी रोहित शर्मा जैसा हो सकता है। रोहित को भी आईसीसी ट्रॉफी जीतने के ठीक बाद वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया था

इस साल मार्च में जब ‘हिटमैन’ (रोहित शर्मा) की अगुवाई में टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी जीती थी, तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि अगले वनडे टूर्नामेंट में उनसे कप्तानी छीन ली जाएगी। इसके बाद, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर रोहित ने बतौर खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन किया और ‘प्लेयर ऑफ द सीरीज़’ चुने गए।

रोहित शर्मा 38 साल के हैं, जबकि हरमनप्रीत 36 की। रोहित को भी उनकी बढ़ती उम्र का हवाला देकर, ‘भविष्य की प्लानिंग’ के नाम पर कप्तानी से हटाया गया था।

पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई (PTI) से बात करते हुए कहा कि कप्तानी में यह बदलाव पहले ही हो जाना चाहिए था

उन्होंने हरमनप्रीत की तारीफ़ करते हुए कहा, “बल्लेबाज और फील्डर के तौर पर हरमन बहुत शानदार हैं, इसमें कोई शक नहीं।” लेकिन साथ ही, उन्होंने यह भी जोड़ा, “रणनीतिक फैसलों के मामले में वह कभी-कभी लड़खड़ा जाती हैं।”

रंगास्वामी ने ज़ोर देकर कहा कि उन्हें लगता है कि कप्तानी का बोझ हट जाने के बाद हरमनप्रीत और भी ज़्यादा योगदान दे पाएंगी, खासकर अपनी बैटिंग और फील्डिंग पर ध्यान केंद्रित करके।

शांता रंगास्वामी ने साफ किया कि यह कप्तानी बदलाव का फैसला भारतीय क्रिकेट के भविष्य को ध्यान में रखकर लिया जाना चाहिए। उनका कहना है कि चूंकि अगला वनडे विश्व कप 2029 में है और टी20 वर्ल्ड कप अगले साल ब्रिटेन में खेला जाना है, इसलिए अब से ही लंबी अवधि की योजना बनाना ज़रूरी है।

दिग्गज पूर्व क्रिकेटर ने स्टार बैटर स्मृति मंधाना को कप्तानी सौंपने की पुरज़ोर सिफारिश की है। रंगास्वामी का मानना है कि मंधाना ही हर फॉर्मेट में कप्तान की सबसे स्वाभाविक उत्तराधिकारी हैं, यानी कप्तानी के लिए उनसे बेहतर विकल्प कोई नहीं है।

स्मृति मंधाना को हर फॉर्मेट का कप्तान बनाने की सलाह

रंगास्वामी ने साफ तौर पर माना कि इतनी बड़ी विश्व कप जीत के तुरंत बाद कप्तानी में बदलाव की बात शायद अच्छी तरह से स्वीकार नहीं की जाएगी, लेकिन उन्होंने तर्क दिया कि यह फैसला भारतीय क्रिकेट और हरमनप्रीत दोनों के हित में होगा।

उन्होंने कहा, “देखिए, इतनी बड़ी कामयाबी के बाद इसे (बदलाव को) सही नज़र से नहीं देखा जाएगा, लेकिन यह भारतीय क्रिकेट और हरमन के लिए भी बेहतर है। मुझे लगता है कि वह कप्तानी के बोझ से मुक्त होकर टीम को और ज़्यादा योगदान दे सकती हैं।”

रंगास्वामी ने आगे अपनी बात रखते हुए कहा कि हरमनप्रीत के पास अब भी लगभग 3-4 साल का क्रिकेट बाकी है, और अगर वह कप्तान नहीं रहेंगी तो वह अपने खेल पर बेहतर ध्यान दे पाएंगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “स्मृति मंधाना को सभी फॉर्मेट का कप्तान बनाया जाना चाहिए। आपको आने वाले विश्व कप के लिए योजना बनाने की ज़रूरत है।”

फिलहाल, शांता रंगास्वामी की इस चौंकाने वाली सलाह पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) या टीम प्रबंधन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया या बयान सामने नहीं आया है।

आमतौर पर, चयनकर्ता और बोर्ड इस तरह के रणनीतिक फैसलों पर सीधे मीडिया में टिप्पणी करने से बचते हैं, खासकर तब जब टीम ने हाल ही में कोई बड़ी ट्रॉफी जीती हो।

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